May 2016

आपका जिम 'वजन' कम कर रहा है या जेब?

कैसा है आपका जिम? फिटनेस फंडा आजकल जरूरत के अलावा ट्रेंड भी बनता जा रहा है। इसके लिए डाइट से लेकर योगा, एरोबिक्स, डांस थैरेपी और अन्य कई माध्यम प्रचलन में हैं। ऐसा ही एक बेहद प्रचलित माध्यम है 'जिम', लेकिन 'जिम' ज्वाइन करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि आप सही तरीके व नियमों का ध्यान रखने वाले जिम को ही ज्वाइन कर रहे हैं या नहीं

फिल्म स्टार हों या बिजनेस मैन, मॉडल हों या कोई और सेलिब्रिटीज, सभी अपने को फिट रखने के लिए जिम जाते हैं। क्योंकि फिट रहना उनकी इच्छा का ही सवाल नहीं होता अपितु उनके प्रोफेशनल इंट्रैस्ट से भी जुड़ा है। 

लेकिन जरूरी नहीं है कि आप जिम तभी जाएं जब आपका हेल्दी एवं फिट रहना आपके प्रोफेशनल प्रॉफिट से ही जुड़ा हो। आजकल यूं भी फिट रहने के लिए जिम जाने का आम आदमियों तक में चलन बढ़ रहा है। फिट रहने का कतई यह मतलब नहीं है कि आप अपने शरीर के फैट को घटाकर अपने वजन को 10-20 किलो कम करें। वजन घटाए बिना भी जिम जाने की जरूरत होती है और लोग जा भी रहे हैं। ऐसे लोगों का 'राइट डाइट, राइट जिम' नारा होता है। 

स्वस्थ रहने के प्रति बढ़ती अवेयरनेस के चलते आजकल जिम जाने वालों की तादाद काफी बढ़ गई है लेकिन जरूरी नहीं है कि जिम जाने वाले सभी लोग इसका भरपूर फायदा उठा पाते हों। सच बात तो यह है कि ज्यादातर लोग जिम का भरपूर फायदा नहीं उठा पाते। कारण होता है गलत जिम का चुनाव। सवाल है क्यों हममें से ज्यादातर युवा अपने लिए सही जिम का चुनाव नहीं कर पाते हैं? 

दरअसल किसी की भी फिटनेस उसकी जिम यूज करने की क्षमता और जिम में उसकी क्षमता के अनुकूल साजो-सामान व माहौल पर निर्भर करती है।

 

सवाल है कि जिम में ऐसी क्या बातें होनी चाहिए? जाहिर है जिम वेल इक्विप्ड हो, क्वॉलिफाइड ट्रेनर हों, सही हेल्थ के लिए जूस, चाय-कॉफी आदि के लिए कैफे हों। न्यूट्रिशिनस्ट्स और पर्सनल ट्रेनर हों। यही नहीं वहाँ के इक्विपमेंट भी ब्रांडेड होने चाहिए... तो क्या आप भी इस प्रकार के जिम को परफेक्ट मान रहे हैं? ठहरिए आप गलती कर रहे हैं। दरअसल, ये सभी चीजें तो जरूरी हैं मगर इन सभी चीजों से ही कोई भी जिम परफेक्ट नहीं हो जाता। ....किसी भी जिम में जाने से पहले हमें मूल रूप से कई बातों पर भी ध्यान देना चाहिए- 

* जिम का चुनाव करते समय इस बात को सबसे पहले जेहन में रखें कि वह आपकी लाइफस्टाइल के अनुरूप हो, उसे प्रमोट करने वाला हो। जिम ऐसा न हो जो सिर्फ आपके लिए एक मेडिकल प्रोग्राम की ही भूमिका अदा करे। 

* जिम में आने वाले जहां एक ओर यंगस्टर्स होते हैं वही दूसरी ओर मिडिल एज ग्रुप के लोग भी होते हैं। यंगस्टर्स वहां बॉडी बिल्डिंग के लिए आते हैं तो कुछ लोग सामान्य रूप से फिट रहने के लिए इसे ज्वाइन करते हैं। उम्र और शरीर के अनुसार सबके शरीर अलग प्रकार के होते हैं। उनके फिटनेस लेवल में भी फर्क होता है। कुछ हार्ट पेशेंट, हाई ब्लडप्रैशर, आस्ट‍ियोपोरोसिस के पेशेंट होते हैं। जिम में ऐसे तमाम लोगों के लिए अलग-अलग प्रकार के प्रोग्राम होने चाहिए इसलिए ट्रेनर का उच्च प्रशिक्षित होना बेहद जरूरी है। 

* जिम में इस्तेमाल होने वाले बॉडी इक्विपमेंट भी ब्रांडेड तथा उच्च क्वॉलिटी के होने चाहिए। इस तरह के इक्विपमेंट द्वारा ही एक्सरसाइज का सही तकनीकी ढंग से विकास किया जा सकता है। सही मसल्स के डेवलपमेंट के लिए यह इक्विपमेंट सुरक्षित होने चाहिए ताकि इससे किसी प्रकार की दुर्घटना होने की आशंका न रहे। 

* जिम ऐसा हो जो आप में मोटापा कम करने का आकर्षण जगाने के बजाय आपके शरीर के फैट के स्तर को संतुलित करे। 

* पहली बार जिम ज्वाइन करने वालों के लिए जरूरी है कि वे जिम में ऐसी एक्सरसाइज रूटीन और न्यूट्रिशिनल गाइड लाइन्स अपनाएँ जो कि शॉट टर्म हों, जिन्हें आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार पूरा कर सकने में सफल हो सकें। 

* वर्क आउट के लिए आपका मूड तभी तैयार हो सकता है जब आपके आसपास का वातावरण इसके अनुकूल हो। जिम की साफ-सफाई, वहां कार्यरत लोगों का पॉजिटिव रुख और वहाँ आने वाला क्राउड आपके वर्कआउट के मूड को लगातार ताजा बनाए रखता है। 

* ऐसा हो भी क्यों न आखिर आप जिम में अपनी बॉडी, माइंड को सिर्फ एनर्जी देने के लिए ही नहीं आए हैं बल्कि एक दिन आने के बाद यहाँ अगले दिन भी आपका दोबारा आने के लिए मन करे। जिम का ऐसा होना भी जरूरी है। 

* जिम का चुनाव करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि जिम में आप बॉडी और माइंड दोनों को फिट करने जा रहे हैं। डि-स्ट्रेस के लिए वहाँ मसाज, स्टीम, शॉवर, हेल्थ जूस कैफे की सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए। 

* जिम में ट्रेंड प्रोफेशनल्स के अलावा फिटनेस प्रोग्राम को साइंटिफिक एप्रोच से करवाने की सुविधा भी होनी चाहिए। 

* जिम में फिटनेस प्रोग्राम को सही तरीके से गाइड करने के लिए प्रोफेशनल कंसल्टेंट्स, फिटनेस एक्सपर्ट्‌स, फिजियो थैरेपिस्ट्स, न्यूट्रिशनिस्ट्स आदि होने चाहिए। याद रखें हमारे शरीर की जरूरत मेडिकल हिस्ट्री और बॉडी डाइट के अनुसार ही एक्सपर्ट हमें गाइड करें तो बेहतर होता है। 

* फिजिकल ट्रेनर्स ही मोटिवेर्ट्स होने चाहिए। 

भारत की कृषि

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित व्यवसाय है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रयासों से कृषि को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गरिमापूर्ण दर्जा मिला है। कृषि क्षेत्रों में लगभग 64% श्रमिकों को रोज़गार मिला हुआ है। 1950-51 में कुल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा 59.2% था जो घटकर 1982-83 में 36.4% और 1990-91 में 34.9% तथा 2001-2002 में 25% रह गया। यह 2006-07 की अवधि के दौरान औसत आधार पर घटकर 18.5% रह गया। दसवीं योजना (2002-2007) के दौरान समग्र सकल घरेलू उत्पाद की औसत वार्षिक वृद्धि पद 7.6% थी जबकि इस दौरान कृषि तथा सम्बद्ध क्षेत्र की वार्षिक वृद्धि दर 2.3% रही। 2001-02 से प्रारंभ हुई नव सहस्त्राब्दी के प्रथम 6 वर्षों में 3.0% की वार्षिक सामान्य औसत वृद्धि दर 2003-04 में 10% और 2005-06 में 6% की रही।

देश की अर्थव्यवस्था

देश की कृषि यहाँ की अर्थव्यवस्था, मानव-बसाव तथा यहाँ के सामाजिक-सांस्कृतिक ढांचे एवं स्वरूप की आज भी आधारशिला बनी हुई है। देश की लगभग 64 प्रतिशत जनसंख्या की कृषि-कार्यो में संलग्नता तथा कुल राष्ट्रीय आय के लगभग 27.4 प्रतिशत भाग के स्रोत के रूप में कृषि महत्त्वपूर्ण हो गयी है। देश के कुल निर्यात में कृषि का योगदान 18 प्रतिशत है। कृषि ही एक ऐसा आधार है, जिस पर देश के 5.5 लाख से भी अधिक गाँवों में निवास करनी वाली 75 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से आजीविका प्राप्त करती है। चूंकि हमारा देश उष्ण एवं समशीतोष्ण दोनों कटिबन्धों में स्थित है, अतः यहाँ एक ओर तो चावल, गन्ना, तम्बाकू और दूसरी ओर कपास, गेहूँ आदि समशीतोष्ण जलवायु की फसलें भी पैदा की जाती हैं। भौतिक संरचना, जलवायविक एवं मृदा सम्बन्धी विभिन्नताएं आदि ऐसे कारक हैं, जो अनेक प्रकार की फसलों की कृषि को प्रोत्साहित करते हैं। यहाँ पर मुख्यतः वर्ष में तीन फसलें पैदा की जाती हैं, जो निम्नलिखित हैं -

रबी की फसल
यह फसल सामान्यतया अक्टूबर में बोकर अप्रैल तक काट ली जाती है। सिंचाई की सहायता से तैयार होने वाली इस फसल में मुख्यतः गेहूँ, चना, मटर, सरसों, राई आदि की कृषि की जाती है।

खरीफ की फसल
यह वर्षाकाल की फसल हैं, जो जुलाई में बोकार अक्टूबर तक काटी जाती है। इसके अन्तर्गत चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, जूट, मूंगफली, कपास, सन, तम्बाकू आदि की कृषि की जाती है।

जायद की फसल
यह फसल रबी एवं खरीफ मे मध्यवर्ती काल में अर्थात मार्च में बोकर जून तक काट ली जाती है। इसमें सिंचाई के सहारे सब्जियों तथा तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, खीरा, करेला आदि की कृषि की जाती है।

भारतीय कृषि की विशेषताएँ

भारतीय कृषि की प्रमुख विशेषतायें इस प्रकार हैं-
भारतीय कृषि का अधिकांश भाग सिचाई के लिए मानसून पर निर्भर करता है।भारतीय कृषि की महत्त्वपूर्ण विशेषता जोत इकाइयों की अधिकता एवं उनके आकार का कम होना है।भारतीय कृषि में जोत के अन्तर्गत कुल क्षेत्रफल खण्डों में विभक्त है तथा सभी खण्ड दूरी पर स्थित हैं।भूमि पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से जनसंख्या का अधिक भार है।कृषि उत्पादन मुख्यतया प्रकृति पर निर्भर रहता है।भारतीय कृषक ग़रीबी के कारण खेती में पूँजी निवेश कम करता है।खाद्यान्न उत्पादन को प्राथमिकता दी जाती है।कृषि जीविकोपार्जन की साधन मानी जाती हेंभारतीय कृषि में अधिकांश कृषि कार्य पशुओं पर निर्भर करता है।

गन्ना उत्पादन

गन्ना सारे विश्व में पैदा होने वाली एक पुमुख फ़सल है। भारत को गन्ने का जन्म स्थान माना जाता है, जहाँ आज भी विश्व में गन्ने के अन्तर्गत सर्वाधिक क्षेत्रफल 35 प्रतिशत पाया जाता है। वर्तमान में गन्ना उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। यद्यपि ब्राजील एवं क्यूबा भी भारत के लगभग बराबर ही गन्ना पैदा करते हैं। देश में र्निमित सभी मुख्य मीठाकारकों के लिए गन्ना एक मुख्य कच्चा माल है। इसका उपयोग दो प्रमुख कुटीर उद्योगों मुख्यत: गुड़ तथा खंडसारी उद्योगों में भी किया जाता है। इन दोनों उद्योगों से लगभग 10 मिलियन टन मीठाकारकों का उत्पादन होता है, जिसमें देश में हुए गन्ने के उत्पादन का लगभग 28-35% गन्ने का उपयोग होता है।

जीवन बीमा क्या है
जीवन बीमा एक अनुबन्ध अथवा करार है। इसका अर्थ यह है कि एक विशेष घटना के घटने पर बीमेदार को अथवा उसके उत्तराधिकारी/ उत्तराधिकारियो को कोई पूर्व निशचित धन दे दिया जायेगा। प्राय: एक साधारण परिवार अपनी दिन-प्रतिदिन की आवश्यकताओं अर्थात रोटी, कपडा व मकान के लिए परिवार के कर्ता को निरन्तर प्राप्त होने वाली आय पर निर्भर होता है। जब तक कर्ता जीवित है, आय भी जीवित है परिवार की आवश्यकताएं भी पूरी होती रहती है। परन्तु यदि कर्ता को मृत्यु ने अचानक उठा लिया तो परिवार को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पडेगा। कितने ही परिवारों की दशा ऐसे समय में बडी दयनीय हो जाती है। जीवन का अंत कब होगा यह निशचित नही है। यह अनिश्चितता ही वह जोखिम है जो कर्ता की मृत्यु से होने वाली आर्थिक क्षति की पूर्ति के लिये किसी प्रकार के संरक्षण की आवश्यकता को जन्म देती है।
बीमा वह साधन है जो जोखिम को समाप्त करता है और अनिश्चितता को निश्चितता मे बदल देता है।

भारतीय जीवन बीमा निगम
भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना संसदीय अधिनियम के द्वारा की गयी जिसे महामहिम राष्ट्रपति 18 जून 1956 को अपनी स्वीकृति प्रदान की। यह अधिनियम 1 जुलाई 1956 से लागू किया गया और निगम ने 1 सितम्बर 1956 से कार्य करना आरम्भ किया। उसी दिन से निगम को जीवन बीमा व्यवसाय में एकाधिकार प्राप्त है। निगम एक स्वशासित संस्थान है तथा इसका कार्य व्यवहार एक व्यापारिक संस्था की भांति चलाया जाता है। निगम के व्यापारिक ढंग पर कार्य करने की आवश्यकता को स्वयं जीवन बीमा अधिनियम की एक धारा द्वारा स्वीकार किया गया है। निगम अपने उद्देश्य को पूरा करने में संलग्न है। बीमेदार के धन को पूरी सुरक्षा प्रदान करके, बीमा दरों में कमी करके, सेवा का स्तर ऊंचा उठाकर पालिसी शर्तों को अधिक अच्छा बनाकर, खर्चा घटाकर तथा राष्ट्र निर्माण में अधिक से अधिक योगदान देकर निगम जनता के विश्वास का पात्र बन चुका है।
निःसन्देह भारतीय जीवन बीमा निगम उस सौपें गये दायित्व का सफ़लतापूर्वक निर्वाह कर रहा है। जीवन बीमा के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य यह कि जनता को अधिक से अधिक बचत करने को प्रोत्साहित किया जाये तथा राष्ट्र निर्माण की योजनाओं को सफ़ल बनाने में इस बचत का अधिक से अधिक उपयोगी तरीके से विनियोग किया जाये। संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि जीवन बीमा निगम के राष्ट्रीयकरण द्वारा समाज सेवा का यह संदेश सामान्य से सामान्य व्यक्ति तक पहुंचाया जाये तथा प्रीमियम के रूप में प्राप्त किया गया जन साधारण का धन पूर्णतया सुरक्षित रहे और उस धन को राष्ट्र निर्माण हेतु लगाया जाये।


Facebook Account Safe Kaise Rakhe 11 Secret Tips

Abhi kuch din pahle kisi hackers group ne dawa kiya tha ki india ke facebook accounts se 70% girl or ladies ke photo porn or sexy sites par send kiye ja rahe hai. is news ke aane ke sath hi facebook ne apne user ki security or badhayi hai. agar aap in kacker se bachna chahate hai or apne photo safe rakhna chahate ho to ye tips apnaye. aapka facebook account 80% safe rahega. agar ye bat sach hai to sochne wali bat hai. isliye hu m le kar aaye hai kuch aysi secret tips jo aapke facebook account ko hack hone se bachayegi. or aapki photo koi chura nahi sakega.



Actually social sites allready seucure rahti hai. but hum apne social account ki securty settings ko ignore kar dete hai. jiski wajah se hacher aasani se humare account ko hack karke humari personal jankari chura lete hai. maine Blog Ki Security Ke Liye HTTPS Enable Kaise Kare me btaya tha ki kis tarah hacker humari site, account, email ko hack karte hai. ab mai aapko facebook security ke bare me kuch tips de raha hu. aapko sahi lage to aap follow kar sakte ho.



Darasal facebook me pahle se apne account ko secure karne ki suvidha mojud hai. aapko sirf kuch step follow karke apne facebook account ki settings is tarah set karni hai ki aapki personal information koi chura nahi paye. follow below step.

1) Facebook Photos, Posts, Status Ko Anjane Logo Se Bachaye

facebook me pahle se ye security mojud hai ki aap anjane logo ser apni activity hide kar sako.

Accont setting:

ab settings & privacy par jaye.
ab jaha kahi bhi privacy publish ho. waha privacy change karke only my firends ya only me, jo bhi aap karna chahe set kare.
Fcebook page setting:

apne facebook page ke right side me diye icon par click kare.
ab aapko ‘Privacy Settings and Tools’ ka option dikhayi dega.
isme ‘Who can see my future posts?’ par click karke. aap apni privacy only me ya only my friens karke apni posts anjane logo se bacha sakte hai.
2) Facebook Log in Alert On Kare

humesha facebook log in alert ko on rakhe. facebook alert on hoga to jab koi aapke account ke sath chedchad karega ya log in karne ki koshish karega to aapko iska email ya message mil jayega.

facebokk settings par jaye.
Security Settings par click kare.
Log in alert par click kare.
ab alert option ko on karke setting save kare.
3) Bina Pahchan Ke Person Ki Friend Request Block Kare

Facebook par kei bar aapko anjane logo ki friend rquest milti hai. or inhe aap accept nahi karte hai to wo bar bar rquest send karte hai. ye log hacker ho sakte hai. ayse mai aap apne account ki setting me ja kar ye set kar de ki aapko koi anjan user friend request na bhej sake.

facebook privacy setting par jaye.
ab ‘Who can contact me?’ par jaye.
yaha ‘Who can send you friends request’ par aap everyone ki jagah friends of friends select kare. ayse me aapko sirf aapke dosto ke dost hi friends rquest send kar sakenge.
4) Message Filter Kare

Agar aapke pas jarurat se jyada message aate hai to aapko message filter setting me ja kar message filter setting karni hai. message filter settings set karna isliye jaruri hai ki yaha se bhi aapki private information leek ho sakti hai.

facebook privacy settinfg paer jaye.
‘Whose messages do  want filtered into my inbox’ par click kare.
yaha basic or strict 2 option honge.  aap strict set kare. jise aapke pas aane wala har message filter ho.
5) Email Address Hide Kare

Bahut se log email id se facebook account banate hai or apni email id ko facebook account par publish karke chod dete hai. ayse mai hacker aapki email id pata karke aapke pas facebook ke fake message bhejta hai. jaise koi offer ya kuch or ayse me aap us link par click karke jab log in karte ho to hacker ko aapke password mil jate hai.



iske liye aap ‘who can look you up using the email address you provided?’ par jaye.
yaha par everyone ki jagah friends select kare.
6) Mobile Number Hide Kare

Agar aapki facebook profile par aapke mobile number add hai to phone no. ko bhi yaha se churaya ja sakta hai. so apne mobile number kabhi bhi publish na kare.

facebook setting me ‘who can look you up using the phone number you provided?’ par jaye.
ab evryone ki jagah friends select kare.
7) Timeline or Tagging

Kai bar aapki timeline par aysi photo share ki jati hai. jo aapke liye galat ho sakti hai.ayse mai is bat ka dhyan rakhna jaruri hai ki koi aapko galat images me tag na kar sake.

timeline and tagging setting par jaye.
Who can post on your timeline?, Who can see posts you’ve been tagged in on your timeline?, Who can see what others post on your timeline? sab par only me set kare.
8) HTTPS Ka Rakhe Khyal

Aap jab bhi kisi site par log in ya sign up kare to ek bat ka humesha dhyan rakhe ki wo site https:// se start hoti ho. fir chahe wo social media ho ya koi or site ho. https ka matlab hota hai Hypertext Transfer Protocol Secure. ise website security ke liye hi banaya gaya hai. jo site https se start hoti hai. un par aapki id koi nahi chura sakta hai.

9) Active Security Code

apne facebook account ko secure rakhne ke liye humesha security code active rakhe . isse aapko apne account ke bare me jankari milti hai. or koi aapke account par chedchad nahi kar sakta.

facebook settings par jaye.
security settings par click kare.
Code Generater par click kare.
Ab yaha apr ek unable ka option aayega. is par click karte hi ek box khulega. isme aapko security number dalna hai. aapko ye security code facebook apps se milega. facebook apps ke menu me ye option hota hai. yad rahe apps se code milne ke bad ise 30 second se pahle box me enter karke submit karna hota hai.

10) Log Out Any where

Hum aksar jaldbazi me apna facebook account log in hi chod dete hai. ayse me iske sath koi bhi ched khani kar sakta hai. facebook me ab aysa feature hai ki aap kahi se bhi log out kar sakte ho. facebook par aapke account se kab kaha or kis browser ya android mobile se log in kiya hai sab save ho jata hai. ise aap niche diye tarike se delete kar sakte ho. iska fayda ye hai ki agar aap kisi or ke computer ya phone me log in karke chod aaye hai to aap use apne device se log out kar sakte ho.

facebook settings par jaye.
security settings par click kare.
ab ‘where you are logged in me dekhiye. aapne jaha bhi apna account open kiya hoga. sabki jankari yaha hogi. in sabko log out kar de.
11) Followers Setting

followers setting me agar aapne setting publish kar rakhi hai to aapke friends ke sath aapko follow karne wale bhi aapki post dekh sakte hai. ayse mai hacker aapko follow karke aapki image chura sakta hai. isliye followers setting ko bhi publish nahi rakhe. aap facebook setting>>followers>>who can follow me par everyone ki jagah friends select kar sakte ho.

Post Summary:

Ummid hai is post ko padne ke bad aap apne facebook account ko secure rakh sakte ho or aapka facebook account hack nahi hoga. is post me btayi tips ke alawa abhi facebook par apne account ko safe rakhne ke or bhi bahut tarike hai. jinke bare me hum aanr wale time me bat karenge. abhi ke liye itna hi bahut hai.



Is Message ko ignore na kare. or apne 5 minute de kar apne facebook account ki securty set kar le taki future me aapko kabhi account hacking ka samna na karna pade. becoz ab hacker ki power day by day badhti ja rahi hai. agar aapko ye post achi lagi ho to ise share jarur kare.




आखिर क्यों नहीं जिम में बनती बॉडी
सलमान खान, जान अब्राहम, आमिर खान ये कुछ नाम हैं जिन्हें लोग न सिर्फ एक कलाकार के रूप में जानते हैं बल्कि उनकी आकर्षक बॉडी के लिए भी जानते हैं। कई युवा इनके जैसी बॉडी बनाने की ख्वाहिश लेकर जिम तो पहुंचते हैं पर बिना बॉडी बनाए निराश होकर लौट जाते हैं। आज युवा जंक्शन में आपको मैं बताता हूं कि आखिर क्यूं नहीं बना पाते युवा जिम में बॉडी।
अक्सर जिम ज्वाइन करने वाले युवा बंदे के जिम में प्रवेश करते ही उसे ऐसे लोग नजर आते हैं जो बड़े-बड़े डंबल से व्यायाम कर रहे होते हैं। उनके सामने छोटा डंबल उठाने में उस नए व्यक्ति को शर्म आती है। पर वह बड़ा वेट उठा नहीं सकता क्योंकि उसमें इतनी शक्ति (स्टेमना) नहीं होती। ऐसे में वह ट्रेनर के पास जाकर अपने डाइट के बारे में पूछता है जवाब में उसे बॉडी सप्लीमेंट के रूप में एक सलाह मिलती है। पर रिजल्ट दो दिन में तो नहीं बदल सकता।
बेचारा युवा निराश होकर हतोत्साहित भरे मन से जिम में व्यायाम शुरू करने के बाद शुरू हुई पीड़ा से कराहकर अलविदा हो जाता है। यही कारण है कि बहुत सारे युवा जिम में न तो बॉडी बना पाते हैं न ही अपने को स्वस्थ रखने के लिए एक जरूरी व्यायाम कर पाते हैं। हां कुछ युवक ऐसे भी हैं जो जिम लड़कियां देखने के मकसद से आते हैं। जिम में व्यायाम के बजाय अपनी बातों और अदाओं से लड़कियों को रिझाने के प्रयास में समय बिताकर चले जाते हैं। पर भइया! सिर्फ जिम में जाने से बॉडी नहीं बन जाती न ही उसका तब तक कोई फायदा होता है जब तक कि उसके लिए आपके मन में समर्पण न हो।
जब ये सब बता दिया तो आइए ये भी ज्ञान ले लीजिए जब आप जिम ज्वाइन करें तो सिर्फ मन में ये ठान लें कि नियमित तौर पर एक निश्चित समय पर जिम जाएंगे। व्यायाम की शुरुआत ट्रेनर के कहे अनुसार छोटे डंबल और कम वेट से करें। अपने पूरे व्यायाम का एक चार्ट तैयार करें। अगर आप प्रोफेशनल तौर पर बॉडी नहीं बनाना चाहते तो एक दिन में सिर्फ एक बॉडी पार्ट करें। एक सप्ताह में छह दिन का शेड्यूल तैयार करें। इसमें बैक, शोल्डर, चेस्ट, बाईसेप्स, ट्राईसेप्स और लेग्स शामिल होने चाहिए। रविवार का दिन आराम का होना चाहिए। इन सभी बॉडी पार्ट के साथ 15 से 20 मिनट का समय एब्स को दें। ऐसा करके आप भी आदर्श काया के धनी हो सकते हैं।
अब आइए आपको कुछ ऐसी घटनाओं से रूबरू करवाते हैं जिससे पता चलता है कि युवा जिम के प्रति कितनी गंभीरता दिखाता है। जब ओम शांति ओम आई तो नौजवानों के अरमानों को एक प्रेरणा मिली हर कोई शाहरुख जैसी बॉडी बनाने को बेताब नजर आने लगा। आप को जानकर हैरानी होगी इस फिल्म के रिलीज होने के दो तीन दिन बाद मेरे जिम में खड़े होने की जगह नहीं बची। मैंने अपने ट्रेनर से सवाल किया भाई पिछले दो दिनों में यहां कितने नए बॉडी बनाने के इच्छुक नौजवानों ने प्रवेश लिया? जवाब मिला 120। इस सवाल और इसके जवाब के बीच आई यह संख्या यह बताने के लिए पर्याप्त है कि बॉडी बनाने की चाहत रखने वाले किस कदर देश भर के जिम में उस समय सिक्स पैक्स की चाहत लेकर पहुंचे।
मात्र दो दिन में जिम की कमाई अपने सारे पिछले रिकॉर्ड तोड़ चुकी थी। पर इस रिकॉर्ड के जश्न के थमने से पहले इस संख्या में से 80 फीसदी लोग जिम से डिसअपीयर हो गए। कारण ये था कि उन्हें व्यायाम की महिमा समझ में आ गई साथ ही शाहरुख की मेहनत का अंदाजा भी उन्हें लग गया। कुछ ने तो इसी दौरान यह भी प्रतिक्रिया दी कि हमें कौन सा फिल्म में हीरो बनना है, तो कुछ ने यह कहकर जिम को अलविदा कहा कि भाई हम तो खाते पीते घर के लोग हैं हम क्यों अपनी सेहत खराब करें।
खैर समय बीता धारणाएं बदलीं, शाहरुख के सिक्स पैक्स का जादू भी लोगों में उसी तरह बासी हो गया जैसे कि दो दिन पहले बना खाना रेफ्रीजरेटर में न रखने से बासी हो जाता है। यह बात यहां समझ में आई की आज का युवा पाना सबकुछ पाना चाहता है पर उसमें उसे मेहनत न करना पड़े उसकी यह पहली शर्त होती है। बॉडी बनने पर किस तरह से पर्सनालिटी निखरती है इसका अहसास युवाओं को तब होता है जब वे किसी फिल्म में किसी हीरो के डोले-सोले से साक्षात्कार करते हैं। पर अब इन फिल्म वालों को कौन समझाए कि इससे हमारे युवाओं को कितनी मुश्किल उठानी पड़ती है।
ओम शांति ओम के बाद एक और खान ने नए बॉडी को तरासकर गजनी फिल्म के माध्यम से लोगों के सामने परोस दिया। पर इस बार जिम वाले सतर्क हो गए थे उन्हें लगा कि जब आमिर खान बनने का भूत लोगों पर सवार होगा तो उसकी अच्छी कीमत क्यूं न ली जाए। इस बार फिल्म के साथ-साथ जिम के पोस्टर भी तैयार हुए, जिसमें कुछ यूं लिखा गया था। आमिर जैसी बॉडी बनाएं सिर्फ दो महीने में..। मुझे यह नहीं पता कि इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कितने कमाए पर यह जरूर पता है कि गजनी की आग में एक बार फिर जिमों में कुछ दिनों की हरियाली आई। पर इससे मुझे सत्य का ज्ञान हुआ और पता चला कि इसलिए नहीं बना पाते ढेर सारे युवा जिम में बॉडी।


दूसरा अध्याय
(1)
झूठ बोलना, कठोरता, छल करना, बेवकूफी करना, लालच, अपवित्रता और निर्दयता ये औरतो के कुछ नैसर्गिक दुर्गुण है।
(2)
भोजन के योग्य पदार्थ और भोजन करने की क्षमता, सुन्दर स्त्री और उसे भोगने के लिए काम शक्ति, पर्याप्त धनराशी तथा दान देने की भावना - ऐसे संयोगों का होना सामान्य तप का फल नहीं है।
(3)
उस व्यक्ति ने धरती पर ही स्वर्ग को पा लिया :
1. जिसका पुत्र आज्ञांकारी है,
2. जिसकी पत्नी उसकी इच्छा के अनुरूप व्यव्हार करती है,
३. जिसे अपने धन पर संतोष है।
(4)
पुत्र वही है जो पिता का कहना मानता हो, पिता वही है जो पुत्रों का पालन-पोषण करे, मित्र वही है जिस पर आप विश्वास कर सकते हों और पत्नी वही है जिससे सुख प्राप्त हो।
(5)
ऐसे लोगों से बचे जो आपके मुह पर तो मीठी बातें करते हैं, लेकिन आपके पीठ पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनाते है, ऐसा करने वाले तो उस विष के घड़े के समान है जिसकी उपरी सतह दूध से भरी है।
(6)
एक बुरे मित्र पर तो कभी विश्वास ना करे। एक अच्छे मित्र पर भी विश्वास ना करें। क्यूंकि यदि ऐसे लोग आपसे रुष्ट होते है तो आप के सभी राज से पर्दा खोल देंगे।
(7)
मन में सोंचे हुए कार्य को किसी के सामने प्रकट न करें बल्कि मनन पूर्वक उसकी सुरक्षा करते हुए उसे कार्य में परिणत कर दें।
(8)
मुर्खता दुखदायी है, जवानी भी दुखदायी है, लेकिन इन सबसे कहीं ज्यादा दुखदायी किसी दुसरे के घर जाकर उसका अहसान लेना है।
(9)
हर पर्वत पर माणिक्य नहीं होते, हर हाथी के सर पर मणी नहीं होता, सज्जन पुरुष भी हर जगह नहीं होते और हर वन मे चन्दन के वृक्ष भी नहीं होते हैं।
(10)
बुद्धिमान पिता को अपने पुत्रों को शुभ गुणों की सीख देनी चाहिए क्योंकि नीतिज्ञ और ज्ञानी व्यक्तियों की ही कुल में पूजा होती है।
(11)
जो माता व् पिता अपने बच्चों को शिक्षा नहीं देते है वो तो बच्चों के शत्रु के सामान हैं। क्योंकि वे विद्याहीन बालक विद्वानों की सभा में वैसे ही तिरस्कृत किये जाते हैं जैसे हंसो की सभा मे बगुले।
(12)
लाड-प्यार से बच्चों मे गलत आदते ढलती है, उन्हें कड़ी शिक्षा देने से वे अच्छी आदते सीखते है, इसलिए बच्चों को जरुरत पड़ने पर दण्डित करें, ज्यादा लाड ना करें।
(13)
ऐसा एक भी दिन नहीं जाना चाहिए जब आपने एक श्लोक, आधा श्लोक, चौथाई श्लोक, या श्लोक का केवल एक अक्षर नहीं सीखा, या आपने दान, अभ्यास या कोई पवित्र कार्य नहीं किया।
(14)
पत्नी का वियोग होना, आपने ही लोगो से बे-इजजत होना, बचा हुआ ऋण, दुष्ट राजा की सेवा करना, गरीबी एवं दरिद्रों की सभा - ये छह बातें शरीर को बिना अग्नि के ही जला देती हैं।
(15)
नदी के किनारे वाले वृक्ष, दुसरे व्यक्ति के घर मे जाने अथवा रहने वाली स्त्री एवं बिना मंत्रियों का राजा - ये सब निश्चय ही शीघ्र नस्ट हो जाते हैं।
(16)
एक ब्राह्मण का बल तेज और विद्या है, एक राजा का बल उसकी सेना मे है, एक वैशय का बल उसकी दौलत मे है तथा एक शुद्र का बल उसकी सेवा परायणता मे है।
(17)
वेश्या को निर्धन व्यक्ति को त्याग देना चाहिए, प्रजा को पराजित राजा को त्याग देना चाहिए, पक्षियों को फलरहित वृक्ष त्याग देना चाहिए एवं अतिथियों को भोजन करने के पश्चात् मेजबान के घर से निकल देना चाहिए।
(18)
ब्राह्मण दक्षिणा मिलने के पश्चात् आपने यजमानो को छोड़ देते है, विद्वान विद्या प्राप्ति के बाद गुरु को छोड़ जाते हैं और पशु जले हुए वन को त्याग देते हैं।
(19)
जो व्यक्ति दुराचारी, कुदृष्टि वाले, एवं बुरे स्थान पर रहने वाले मनुष्य के साथ मित्रता करता है, वह शीघ्र नष्ट हो जाता है।
(20)
प्रेम और मित्रता बराबर वालों में अच्छी लगती है, राजा के यहाँ नौकरी करने वाले को ही सम्मान मिलता है, व्यवसायों में वाणिज्य सबसे अच्छा है, अवं उत्तम गुणों वाली स्त्री अपने घर में सुरक्षित रहती है।

उत्तर का विशाल मैदान

हिमालय पर्वत की उत्पत्ति के पश्चात उसके दक्षिण तथा प्राचीन शैलों से निर्मित प्रायद्वीपीय पठार के उत्तर में, दोनों उच्च स्थलों से निकलने वाली नदियों, सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, आदि द्वारा जमा की गई जलोढ़ मिट्टी के जमाव से उत्तर के विशाल मैदान का निर्माण हुआ है। इस मैदान को सिंधु-गंगा ब्रह्मपुत्र का मैदान भी कहते हैं। यह मैदान धनुषाकार रूप में 3200 किमी. की लम्बाई में देश के 7.5 लाख वर्ग किमी. क्षेत्र पर विस्तृत हैं। इसकी चौड़ाई पश्चिम में 480 किमी तथा पूर्व में मात्र 145 किमी है। प्रादेशिक दृष्टि से उत्तरी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा तथा असम में इसका विस्तार हैं। इन मैदान को पश्चिमी तथा पूर्वी दो भाग में बांटा जाता है। पश्चिमी मैदान का अधिकांश भाग वर्तमान पाकिस्तान के सिन्ध प्रांत में पड़ता है, जबकि इसका कुछ भाग पंजाब व हरियाणा राज्यों में भी मिलता है। इसका निर्माण, सतजल, व्यास तथा रावी एवं इनकी सहायक नदियों द्वारा किया गया है। पूर्वी मैदान का विस्तान उत्तर प्रदेश, बिहार तथा पश्चिम बंगाल राज्यों में हैं, जिसका क्षेत्रफल 3.57 लाख वर्ग किमी. है। इस मैदान में धरातलीय भू-आकृति के आधार पर बांगर तथा खादर नामक दो विशेष भाग मिलते हैं। बांगर प्राचीनतम संग्रहीत पुरानी जलोढ़ मिट्टी के उच्च मैदानी भाग हैं, जहाँ कभी नदियों की बाढ़ का पानी नहीं पहुंच पाता। खादर की गणना नवीनतम कछारी भागों के रूप में की जाती है। यहाँ पर प्रतिवर्ष बाढ़ का पानी पहुंचने एवं नयी मिट्टी का जमाव होने से काफ़ी ऊपजाऊ माने जाते हैं।

उत्तर के विशाल मैदान का प्रादेशिक विभाजन

उत्तर के विशाल मैदान को अनेक उपविभागों में बाँटा गया है, जिनमें प्रमुख हैं - पंजाब, हरियाणा का मैदान, राजस्थान का मेदान, गंगा का मैदान एवं ब्रह्मपुत्र नदी की घाटी। गंगा के मैदान को हरिद्वार से अलीगढ़ तक ऊपरी दोआब तथा अलीगढ़ से इलाहाबाद तक मध्य दोआब के नाम से जाना जाता है। गंगा तथा यमुना दोआब के ऊत्तरी-मध्य उत्तर प्रदेश में स्थित भाग को रूहेलखण्ड का मैदान कहा जाता है। इस मैदान पर राम गंगा, शारदा तथा गोमती नदियाँ प्रवाहित होती है। उत्तर प्रदेश के उत्तरी पूर्वी भाग में अवध का मैदान स्थित हैं, जिसमें घाघरा, राप्ती तथा गोमती नदियाँ बहती है। गंगा के मैदान के उत्तरी-पूर्वी भाग में असम तक ब्रह्मपुत्र नदी का मैदान स्थित है, जो कि गारो पहाड़ी, मेघालय पठार तथा हिमालय पर्वत के बीच लम्बे एवं पतले रूप में फैला है। इसकी चौड़ाई मात्र 80 किमी. है। ब्रह्मपुत्र नदी घाटी की अवनतीय संरचना मे जमा किये गये अवसादों से इस मेदान में मियाण्डर, गोखुर झील, आदि का निर्माण हो गया है। इस मैदान के ढाल की दिशा दक्षिण-पश्चिम की ओर है तथा इसकी सीमा पर तराई एव अर्द्ध-तराई क्षेत्र मिलते हैं, जो दलदलो एवं सघन वनों से अच्छादित हैं

उत्तर के विशाल मैदान से सम्बन्धित दो प्रमुख शब्दावलियाँ हैं - भावर तथा तराई। ये अवसादी जमाव की विशेषताओं की परिचारक भी हैं।

भावर

यह क्षेत्र हिमालय तथा गंगा के मैदान के बीच पाया जाता है। जिसमें पर्वतीय भाग से नीचे आने वाली नदियों ने लगभग 8 किमी की चौड़ाई में कंकड़ों एवं पत्थरों का जमाव कर दिया है। यही गंगा मैदान की सबसे उत्तरी सीमा भी है। इस पथरीले क्षेत्र में हिमालय से निकलने वाली नदियाँ प्रायः विलीन हो जाती है और केवल कुछ बड़ी नदियों की धारा ही धरातल पर प्रवाहित होती हुई दिखती है।

तराई

यह क्षेत्र भावर के नीचे उसके समानान्तर स्थित है, जिसकी चौड़ाई 15 से 30 किमी तक पायी जाती हैं। भावर प्रदेश में विलीन हुई नदियों का जल तराई क्षेत्र में ऊपर आ जाता हे। यह वास्तव में निम्न समतल मैदानी क्षेत्र हैं, जहाँ नदियों का जल इधर-उधर फैल जाने से दलदलों का निर्माण हो गया है। वर्तमान में यहां की सघन वनस्पतियों को काटकर तथा दलदलों को सुखाकर कृषि कार्य के लिए उपयोगी बना लिया गया है।

बांगर

बांगर प्रदेश भी उत्तर के विशाल मैदान की एक विशेषता है। यह प्रदेश पुरानी जलोढ़ मिट्टी का बना होता है जहां नदियों की बाढ़ का जल नहीं पहुंचता है। इस प्रदेश में चूनायुक्त संग्रथनों की अधिकता होने के कारण यह कृषि के लिए अधिक उपयुक्त नहीं होता है। पंजाब में मिलने वाले बांगर को धाया कहा जाता है।

खादर

बांगर के विपरीत खादर प्रदेश में नदियों की बाढ़ का जल प्रतिवर्ष पहुंचता है। इस प्रदेश का निर्माण नवीन जलोढ़ मिट्टी द्वारा होता है क्योंकि बाढ़ के जल के साथ नवीन मिट्टी यहां प्रति वर्ष बिछती रहती है। यह प्रदेश कृषि के लिए अत्यधिक उपयुक्त होती है। पंजाब में मिलने वाले खादर को ‘बेट’ कहा जाता है।

डेल्टा

उत्तरी विशाल मैदान में गंगा तथा सिंधु नदी के डेल्टा मिलते हैं। गंगा का डेल्टा राजमहल की पहाड़ियों में सुन्दरवन के किनारे तक 430 किमी की लम्बाई में विस्तृत है। इसकी चौड़ाई 480 किमी है। सिंधु नदी का डेल्टा 960 किमी लम्बा और 160 किमी चौड़ा है।

भारत की प्रमुख जनजातियां

भारत में जनजातीय समुदाय के लोगों की काफी बड़ी संख्या है और देश में 50 से भी अधिक प्रमुख जनजातीय समुदाय हैं। देश में रहने वाले जनजातीय समुदाय के लोग नेग्रीटो, ऑस्ट्रेलॉयड और मंगोलॉयड प्रजातियों से सम्बद्ध हैं। देश की प्रमुख जनजातियां निम्नलिखित हैं-

आंध्र प्रदेश: चेन्चू, कोचा, गुड़ावा, जटापा, कोंडा डोरस, कोंडा कपूर, कोंडा रेड्डी, खोंड, सुगेलिस, लम्बाडिस, येलडिस, येरुकुलास, भील, गोंड, कोलम, प्रधान, बाल्मिक।
असम व नगालैंड: बोडो, डिमसा गारो, खासी, कुकी, मिजो, मिकिर, नगा, अबोर, डाफला, मिशमिस, अपतनिस, सिंधो, अंगामी।

झारखण्ड: संथाल, असुर, बैगा, बन्जारा, बिरहोर, गोंड, हो, खरिया, खोंड, मुंडा, कोरवा, भूमिज, मल पहाडिय़ा, सोरिया पहाडिय़ा, बिझिया, चेरू लोहरा, उरांव, खरवार, कोल, भील।

महाराष्ट्र: भील, गोंड, अगरिया, असुरा, भारिया, कोया, वर्ली, कोली, डुका बैगा, गडावास, कामर, खडिया, खोंडा,  कोल, कोलम, कोर्कू, कोरबा, मुंडा, उरांव, प्रधान, बघरी।

पश्चिम बंगाल: होस, कोरा, मुंडा, उरांव, भूमिज, संथाल, गेरो, लेप्चा, असुर, बैगा, बंजारा, भील, गोंड, बिरहोर, खोंड, कोरबा, लोहरा।

हिमाचल प्रदेश: गद्दी, गुर्जर, लाहौल, लांबा, पंगवाला, किन्नौरी, बकरायल।

मणिपुर: कुकी, अंगामी, मिजो, पुरुम, सीमा।

मेघालय: खासी, जयन्तिया, गारो।

त्रिपुरा: लुशाई, माग, हलम, खशिया, भूटिया, मुंडा, संथाल, भील, जमनिया, रियांग, उचाई।

कश्मीर: गुर्जर।

गुजरात: कथोड़ी, सिद्दीस, कोलघा, कोटवलिया, पाधर, टोडिय़ा, बदाली, पटेलिया।

उत्तर प्रदेश: बुक्सा, थारू, माहगीर, शोर्का, खरवार, थारू, राजी, जॉनसारी।

उत्तरांचल: भोटिया, जौनसारी, राजी।

केरल: कडार, इरुला, मुथुवन, कनिक्कर, मलनकुरावन, मलरारायन, मलावेतन, मलायन, मन्नान, उल्लातन, यूराली, विशावन, अर्नादन, कहुर्नाकन, कोरागा, कोटा, कुरियियान,कुरुमान, पनियां, पुलायन, मल्लार, कुरुम्बा।

छत्तीसगढ़: कोरकू, भील, बैगा, गोंड, अगरिया, भारिया, कोरबा, कोल, उरांव, प्रधान, नगेशिया, हल्वा, भतरा, माडिया, सहरिया, कमार, कंवर।

तमिलनाडु: टोडा, कडार, इकला, कोटा, अडयान, अरनदान, कुट्टनायक, कोराग, कुरिचियान, मासेर, कुरुम्बा, कुरुमान, मुथुवान, पनियां, थुलया, मलयाली, इरावल्लन, कनिक्कर,मन्नान, उरासिल, विशावन, ईरुला।

कर्नाटक: गौडालू, हक्की, पिक्की, इरुगा, जेनु, कुरुव, मलाईकुड, भील, गोंड, टोडा, वर्ली, चेन्चू, कोया, अनार्दन, येरवा, होलेया, कोरमा।

उड़ीसा: बैगा, बंजारा, बड़होर, चेंचू, गड़ाबा, गोंड, होस, जटायु, जुआंग, खरिया, कोल, खोंड, कोया, उरांव, संथाल, सओरा, मुन्डुप्पतू।

पंजाब: गद्दी, स्वागंला, भोट।

राजस्थान: मीणा, भील, गरसिया, सहरिया, सांसी, दमोर, मेव, रावत, मेरात, कोली।

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह: औंगी आरबा, उत्तरी सेन्टीनली, अंडमानी, निकोबारी, शोपन।

अरुणाचल प्रदेश: अबोर, अक्का, अपटामिस, बर्मास, डफला, गालोंग, गोम्बा, काम्पती, खोभा मिसमी, सिगंपो, सिरडुकपेन।

Popular Posts

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Design & SEO by TechNetSurf. Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget